नई दिल्ली, पंजाब तेज खबर:- NEET को लेकर छात्र अब सड़कों पर उतर आए हैं, आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर छात्रों ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में छात्रों के साथ उनके माता-पिता और अभिभावक भी शामिल थे। छात्रों की मांग है कि नीट एग्जाम को रद्द किया जाए और दोबारा एग्जाम कराया जाए। इसे लेकर 20000 छात्रों ने देश भर की अदालतों में याचिकाएं दाखिल की हैं। वहीं, NEET काउंसलिंग रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर आज कोर्ट सुनवाई कर सकता है। इसके अलावा, ग्रेस मार्क्स को लेकर भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली गई है। इस पर आज कोर्ट सुनवाई कर सकता है।
NEET परीक्षा को लेकर फिजिक्सवाला के सीईओ अलख पांडेय की तरफ से दाखिल याचिका पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की जा सकती है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वो अदालत से NEET की काउंसलिंग पर रोक लगाने के लिए जल्द सुनवाई की जाए क्योंकि परीक्षा को रद्द करने की मांग पर मंगलवार को NTA को नोटिस तो जारी कर दिया लेकिन काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाई। मेडिकल कॉलेज एडमिशन के लिए NEET परीक्षाओं में ग्रेस मार्क देने के नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट आज बुधवार सुनवाई करेगा, याचिका श्रेयांसी ठाकुर नाम की 17 वर्षीय छात्रा ने दाखिल की है याचिका में कहा कि ग्रेस मार्क देने का एनटीए का फैसला मनमाना है और हजारों छात्रों को प्रभावित कर रहा है।
जानिए क्या है मामला
दरअसल नीट में 720 अंक का पेपर होता है, इस बार परीक्षा में 67 स्टूडेंट्स ने 720 नंबर का परफेक्ट स्कोर हासिल कर पहली रैंक पाई, जबकि 2023 में दो, 2022 में तीन, 2021 में एक स्टूडेंट एग्जाम में टॉपर थे यानी एक ही साल में 67 टॉपर होने की बात छात्रों में शक पैदा कर रही है। वहीं टॉपर्स की मेरिट लिस्ट में 8 स्टूडेंट्स के नंबर एक ही सीरीज के है, जिनमें से 6 को पहली रैंक मिली है और इन सभी स्टूडेंट्स ने हरियाणा के एक ही सेंटर झज्जर से एग्जाम दिया। एक ही सेंटर से 6 टॉपर ने भी बड़ा शक पैदा किया है। अब इस पर छात्र व एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं कि जब केवल एक सेंटर पर परेशानी हुई तो इतने छात्रों को ग्रेस मार्क्स क्यों मिले? वहीं, दूसरा सवाल ये उठ रहा कि छात्र केवल 20 फीसदी बढ़े तो रैंक चार गुना कैसे बढ़ी? साथ ही तीसरा सवाल ये है कि जिन सेंटर पर पेपर देरी से मिला वहां ग्रेस मार्क्स क्यों नहीं दिए?














